दो ध्रुवों के मध्य भटकता रहता है मन || आचार्य प्रशांत (2015)
2019-11-23
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वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
१८ अक्टूबर २०१५
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
मन दो ध्रुवों के मध्य क्यों भटकता रहता है?
जीवन में कुछ समय बहुत अच्छा पता हूँ कुछ समय बहुत ऊब क्यों लगता है?
जीवन में स्थिरता कैसे लाये?